Bharat par Karl Marx aur Marxvadi Itihas Lekhan
Shankar Sharan
ISBN: 9788188643721, 8188643726
Publisher: Akshaya Prakashan
Subject(s): Politics and Current Affairs
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Title: Bharat par Karl Marx aur Marxvadi Itihas Lekhan
Author: Shankar Sharan
ISBN 13: 9788188643721
ISBN 10: 8188643726
Year: 2019
Language: Hindi
Pages etc.: Reprint: 2023 251pp., 23cm
Binding: Hardback
Publisher: Akshaya Prakashan
Subject(s): Politics and Current Affairs
पारंपरिक भारत में राजनीतिक इतिहास-लेखन का कोई महत्व न था।
मध्यकाल में इस्लामी आक्रमणकारियों के साथ यहाँ अनगिनत मुस्लिम तारीखनवीसों द्वारा
ऐतिहासिक विवरण लिखने की शुरुआत हुई। सन् 1960 के बाद मार्क्सवादी ‘इतिहासकारों’ का
उदय हुआ, जिन्होंने अपने राजनीतिक उद्देश्यों से इतिहास का घोर मिथ्याकरण किया। इस में
उन्होंने स्वयं कार्ल मार्क्स के भारत संबंधी विचारों को भी छिपाया। सत्ताधारियों के
लंबे सहयोग से देश भर में एक झूठा इतिहास फैला, जिस से शिक्षा और विचार-विमर्श को गंभीर
क्षति पहुँची। यह पुस्तक उस तमाम मिथ्याकरण का एक संक्षिप्त, किन्तु प्रमाणिक आकलन है।
शंकर शरण
* प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र, एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली।
पूर्व.प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र, महाराजा सायाजीराव विश्वाविद्धयालय, बडौदा।
* जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांत-व्यवहार पर
पीएच.डी.। इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साईन्सेज, मास्को से सोवियत राज्यतंत्र पर डिप्लोमा।
* अब तक 22 पुस्तकें प्रकाशित। उल्लेखनीय: 'भारत पर कार्ल मार्क्स और मार्क्सवादी इतिहास-लेखन';
मुसलमानों की घर वापसी क्यों और कैसे'; साम्यवाद के सौ अपराध'; गाँधी आहिंसा और राजनीति'; जिहादी आतंकवाद'; गांधी के
ब्रह्मचर्य प्रयोग'; भारत में प्रचलित सेक्योलरवाद'; इस्लाम के कम्युनिज्म - तीन चेतावनियाँ आदि।
* तीन दशकों से राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं मैं राजनीतिक-शैक्षिक विषयों पर लेखन।
दैनिक जागरण तथा नया इंडिया में प्राय स्तंभ-लेखन।
* श्रेष्ठ लेखन के लिए प्रधान मंत्री के हाथों 'नचिकेता पुरस्कार' (2003), हिंदी में