Dorahe Par Musalman aur Hindu Chinta: Samasya aur Samadhan

Shankar Sharan

ISBN: 9788195453085, 8195453082

Publisher: Akshaya Prakashan

Subject(s): Religion, Politics & Current Affairs

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Title: Dorahe Par Musalman aur Hindu Chinta: Samasya aur Samadhan

Author: Shankar Sharan

ISBN 13: 9788195453085

ISBN 10: 8195453082

Year: 2025

Language: Hindi

Pages etc.: xx+204 pp., 22 cms.

Binding: Paperback

Publisher: Akshaya Prakashan

Subject(s): Religion, Politics & Current Affairs

क्या किसी सभ्यता के अवसान का यह अर्थ नहीं होता कि अब हम इस की शिक्षाओं के आधार पर अपने विचार तथा कर्म नहीं गढ़ सकते ? क्या यह नियम हमारे इतिहास पर लागू नहीं होता ? क्या इस्लामी सभ्यता के उदय और अस्त का मतलब यह नहीं था कि इस्लामी सभ्यता का आधार बनने वाले धर्म का युग जा चुका ?

यदि इस्लामी सभ्यता का सूरज डूब गया और ऐसा बड़ी-बड़ी उपलब्धियों के बावजूद हुआ तो भी इतना कहा जा सकता है कि धर्म-विश्वास के प्रति एक काल-विशेष के अनुकूल दृष्टिकोण का अंत हुआ, स्वयं धर्म का नहीं। भले ही धर्म की कोई विशेष व्याख्या जो अतीत में इस्लामी सभ्यता की भावभूमि रही - अब अनुपयुक्त हो चली हो।

                              -सैयद मुहम्मद खातमी (2000 ई., ईरान के राष्ट्रपति)

इस पुस्तक में हिंदू नजरिए से राजनीतिक इस्लाम की कुछ समस्याओं का आकलन है। साथ ही उस के समाधान का भी संकेत किया गया है। इस की सभी बातें मुसलमानों के साथ-साथ हिंदूओं के लिए भी विचारणीय हैं।

शंकर शरण

* प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र, एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली। पूर्व-प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र, महाराजा सायाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा।

* जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांत-व्यवहार पर पीएच.डी.। इन्स्टीच्यूट ऑफ सोशल साइन्सेज, मास्को से सोवियत राज्यतंत्र पर डिप्लोमा ।

* अब तक 22 पुस्तकें प्रकाशित। उल्लखेनीयः 'भारत पर कार्ल मार्क्स और मार्क्सवादी इतिहास-लेखन'; 'मुसलमानों की घर वापसी क्यों और कैसे'; 'गाँधी अहिंसा और राजनीति'; 'इस्लाम और कम्यूनिज्म तीन चेतावनियाँ'; 'साम्यवाद के सौ अपराध'; 'आध्यात्मिक आक्रमण और घर वापसी'; ' भारत में प्रचलित सेक्यूलरवाद'; आदि।

* तीन दशकों से राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में राजनीतिक-शैक्षिक विषयों पर लेखन। 'दैनिक जागरण' तथा 'नया इंडिया' में प्रायः स्तंभ-लेखन ।

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